तुलसी आरती – महारानी नमो-नमो (Tulsi Aarti – Maharani Namo Namo)

माँ तुलसी पूजन, तुलसी विवाह एवं कार्तिक माह में माँ तुलसी की आरती सबसे अधिक श्रवण की जाती है। तुलसी महारानी नमो-नमो,हरि की पटरानी नमो-नमो । धन तुलसी पूरण तप कीनो,शालिग्राम...

अम्बे तू है जगदम्बे काली: माँ दुर्गा, माँ काली आरती (Maa Durga Maa Kali Aarti)

माँ दुर्गे का साप्ताहिक दिन शुक्रवार, दोनों नवरात्रि, अष्टमी, माता की चौकी एवं जगराते में सबसे अधिक गाई जाने वाली आरती। अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली...

विन्ध्येश्वरी आरती: सुन मेरी देवी पर्वतवासनी (Sun Meri Devi Parvat Vasani)

भक्त इन पंक्तियां को स्तुति श्री हिंगलाज माता और श्री विंध्येश्वरी माता की आरती के रूप मे प्रयोग करते हैं: सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ पान सुपारी...

आरती सरस्वती जी: ओइम् जय वीणे वाली (Saraswati Om Jai Veene Wali)

ओइम् जय वीणे वाली,मैया जय वीणे वालीऋद्धि-सिद्धि की रहती,हाथ तेरे तालीऋषि मुनियों की बुद्धि को,शुद्ध तू ही करतीस्वर्ण की भाँति शुद्ध,तू ही माँ करती॥ 1 ॥ ज्ञान पिता को...

माँ सरस्वती जी – आरती (Maa Saraswati Ji)

जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता ।सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता ॥जय जय सरस्वती माता…॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि,द्युति मंगलकारी ।सोहे शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी ॥जय जय सरस्वती माता…॥ बाएं कर में...